ईश्वर की भक्ति करते हैं तो हमें अपने भक्ति पर व प्रार्थना पर अटूट विश्वास होना चाहिए और ईश्वर के श्री चरणों पर अपना विश्वास समर्पित करना चाहिए| क्योंकि इसके अलावा हम और उन्हें कुछ नहीं दे सकते|
एक समय की बात है कि एक गरीब फटे हाल भगवान राम की धुन गाता हुआ गांव-गांव घूम रहा था| उसे लोगों ने पागल कह कर पत्थर मारने लगे तो उसके शरीर से खून निकलने लगा| जब उसकी भक्ति पूर्ण भजन भगवान के कानों तक पहुंचे और भगवान उसकी यह हालत देखकर उसकी सहायता के लिए पहुंचे तो उन्होंने देखा वह भजन छोड़ कर अपना धैर्य और विश्वास खो कर खुद ही उन लोगों से लड़ने के लिए पत्थर उठा लिया है| यह देखकर भगवान उदास होकर वापस आ गए|
भगवान दुखी होकर कहने लगे कि अपनी भक्ति पर पूर्ण विश्वास रखता तो मैं इसकी सहायता के लिए पहुंची गया था| अब यह अपना बदला स्वयं ले रहा है तो मैं इसके सहायता नहीं कर सकता|
इसी प्रकार हम मनुष्य भी अंत में अपना धैर्य और विश्वास को बैठाते हैं जिससे हमारे कार्य बनते- बनते रुक जाते हैं हमें अपने भक्ति और प्रार्थना पर पूर्ण विश्वास होना चाहिए जिससे हमारे कठिन से कठिन कार्य बन जाते हैं और हमें पता भी नहीं चलता|
जो समय अभी चल रहा है वह हमें अपने प्रार्थना और भक्ति पर अटूट विश्वास रखने का है यही विश्वास हमें इस कठिन समय पर विजय दिलाएगी|यही विश्वास हमें हृदय में धारण कर अपने कर्मों को करना चाहिए|